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रविवार, 26 जनवरी 2025

जमालगोटा (कहानी) ll Jamalgota ( Story)

गर्मी का दिन था| रात के 11 बज गए थे| शादी करने के लिए बाराती लेकर लड़की के घर पहुंचे हुए लड़के वालों पर अब अपनी ही जिद भारी पड़ने लगी थी| भूख से सब का बुरा हाल था| बाराती झारखंड की राजधानी रांची से बिहार की मोक्ष भूमि गया के एक गांव में गई हुई थी| 



दरअसल, बाराती वालों ने तय किया हुआ था कि जब तक लड़की वाले की तरफ से और ज्यादा दहेज नहीं मिलेगा, तब तक वो लोग ना तो खाना खाएंगे और ना ही लड़की को विदा करके ले जाएंगे|


लड़के वाले दबाव डालकर लड़की वाले से कुछ और पैसा ऐंठना चाहते थे| लड़के वाले लड़की वालों को मजबुर समझकर उनसे ब्लैकमेल करना चाहते थे|


लड़के वाले इस उम्मीद में थे कि लड़की वाले ना केवल खाना खाने के लिए मनाने आएंगे, बल्कि दहेज के लिए मांगे गए पैसे भी लेकर आएंगे, लेकिन लड़की वाले ने उनके साथ वो किया, जिसकी कल्पना लडंके वाले ने सपने में भी नहीं की होगी|


लड़की वाले ने लड़के वाले की जिद और मांग के आगे झुकने से इंकार कर दिया| लड़की वाले ने लड़के वालों को खाने के लिए मानमनौव्वल की और ना ही शादी की रस्म पूरी करने के लिए अनुरोध किया|

अब क्या था| लड़के वाले की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा था| रात के 11 बजते बजते लड़के वाले के पेट में चुहे दौड़ने लगे थे| लड़की वाले उनको खाने के लिए पूछ ही नहीं रहे थे| बाराती में आए ज्यादातर लोगों को अगले ही वापस ड्यूटी पर भी जानी थी| इसलिये शादी की रस्म में देरी से उनमें बेचैनी थी| गर्मी की वजह से खाना भी खराब हो रहा था|

लड़की वाले की तरफ से ग्रीन सिग्नल नहीं मिलता देख अंत में हारकर लड़के वाले ने अपनी जिद छोड़ दी| अब लड़के वाले खाना खाने की तरफ बढ़े| लड़के वाले खाना खाना शुरू किया| लेकिन, ये क्या बारी बारी से सबको पैखाना होना शुरू हुआ| पेट गुड़गुड़ाना शुरू हुआ|

आप सोचिये, ऐसा क्यों हुआ होगा? आपको लग रहा होगा कि ऐसा भोजन खराब होने की वजह से हुआ होगा| लेकिन, ऐसा नहीं है| दरअसल, लड़के वाले की परेशान करने वाली जिद से लड़की वाले परेशान हो गए थे और बदला लेने पर उतारू थे| लड़की वाले ने पूरा भोजन में ही जमालगोटा मिला दिया था|

भोजन और शादी की रस्म पूरी होने के बाद बारात वापस गया से रांची लौटी| लेकिन, लड़के वालों के लिए वापसी आसान नहीं रही| भर रास्ता लोगों को बाराती बस रूकवा रूकवा कर पैखाना करने के लिए जाना पड़ रहा था|







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